किसी गांव में एक लड़का रहता था। उसका नाम अली था। उसके माता-पिता का देहांत हो चुका था। वह तीसरी कक्षा में पढ़ता था। वह दूसरों के घर में काम करके अपना गुजारा करता था। वह 1 दिन काम की तलाश में निकला, उसे कोई काम नहीं मिला वह उदास होकर एक ब्रिज के छांव में बैठे हैं।
सोचने लगा अब मैं आगे कक्षा में जाने वाला हूं और मेरे पास पैसे नहीं है क्या होगा मेरा, वह यह सोच ही रहा था कि उस रास्ते से राजा का सवारी गुजरा राजा ने उसे उदास देख कर कहा तुम कौन हो और उदास क्यों हो तुम्हारे माता पिता कौन है? उसने राजा को अपनी सारी बाते बताई, राजा ने थोड़ी देर सोचने लगा बच्चे के अंदर शिक्षा के प्रति कितना सोच है। राजा ने कहा तुम्हारे पढ़ाई का पूरा खर्च हम उठाएंगे तो मेरे यहां चलो।
राजा अपने घर ले जाकर अपनी रानी से उसे मिलवाया राजा का कोई संतान नहीं था, तो उसे अपने बेटे की तरह पालने लगा राजा उसके लिए कई शिक्षक नियुक्त करवा दिया और उसकी पढ़ाई शुरू करवा दीया। अली को राजपाट का शिक्षा भी दिया गया।
1 दिन राजा ने अली को बुलाकर कहा बेटे मैं अब बड़ा हो चुका हूं मुझसे राजपाठ नहीं संभलने वाला है अब मैं तुम्हें राजा घोषित करता हूं। और राजा ने उसे सारा राजपाट दे दिया। जब वह राजा बना तो उसको बचपन के दिन याद आ रहे थे। उसने सोचा कि जैसे मैं शिक्षा के लिए तड़पा था। वैसे हमारे साम्राज्य के बच्चे ना तड़पे इसीलिए उन्होंने ऑर्डर दिया के जितने भी गरीब बच्चे हैं सब को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाए और उन्होंने हर बच्चे के लिए मुफ्त में शिक्षा का व्यवस्था करवा दिया। ताकि गरीब से गरीब बच्चे भी तालीम को हासिल कर सके शिक्षा ने ही इसे इस मकाम तक तक ले गया। हमारे लिए यह सीख है कि हम भी शिक्षा के महत्व को समझे और इसका सदुपयोग करें।
सोचने लगा अब मैं आगे कक्षा में जाने वाला हूं और मेरे पास पैसे नहीं है क्या होगा मेरा, वह यह सोच ही रहा था कि उस रास्ते से राजा का सवारी गुजरा राजा ने उसे उदास देख कर कहा तुम कौन हो और उदास क्यों हो तुम्हारे माता पिता कौन है? उसने राजा को अपनी सारी बाते बताई, राजा ने थोड़ी देर सोचने लगा बच्चे के अंदर शिक्षा के प्रति कितना सोच है। राजा ने कहा तुम्हारे पढ़ाई का पूरा खर्च हम उठाएंगे तो मेरे यहां चलो।
राजा अपने घर ले जाकर अपनी रानी से उसे मिलवाया राजा का कोई संतान नहीं था, तो उसे अपने बेटे की तरह पालने लगा राजा उसके लिए कई शिक्षक नियुक्त करवा दिया और उसकी पढ़ाई शुरू करवा दीया। अली को राजपाट का शिक्षा भी दिया गया।
1 दिन राजा ने अली को बुलाकर कहा बेटे मैं अब बड़ा हो चुका हूं मुझसे राजपाठ नहीं संभलने वाला है अब मैं तुम्हें राजा घोषित करता हूं। और राजा ने उसे सारा राजपाट दे दिया। जब वह राजा बना तो उसको बचपन के दिन याद आ रहे थे। उसने सोचा कि जैसे मैं शिक्षा के लिए तड़पा था। वैसे हमारे साम्राज्य के बच्चे ना तड़पे इसीलिए उन्होंने ऑर्डर दिया के जितने भी गरीब बच्चे हैं सब को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाए और उन्होंने हर बच्चे के लिए मुफ्त में शिक्षा का व्यवस्था करवा दिया। ताकि गरीब से गरीब बच्चे भी तालीम को हासिल कर सके शिक्षा ने ही इसे इस मकाम तक तक ले गया। हमारे लिए यह सीख है कि हम भी शिक्षा के महत्व को समझे और इसका सदुपयोग करें।