महान सम्राट अकबर ।Great Emperor Akbar.

परिचय:

सबसे महान शासक अकबर था। जो सबसे लोकप्रिय है। मुगल साम्राज्य का संस्थापक मोहम्मद बाबर था। बाबर ने 1526 ईसवी में इब्राहिम लोदी को पराजित कर मुगल वंश की स्थापना किया था। अकबर  बाबर का पोता था। और बड़े ही महान शासक और सम्राट में इसकी गिनती होती है। इन्होंने कभी किसी धर्म या अन्य किसी से भी भेदभाव नहीं किया इसीलिए इसे महान कहा गया है।

प्रारंभिक जीवन:

अकबर का जन्म 1542 में अमरकोट में हुआ था इनके पिता का नाम हुमायूं एवं माता का नाम हमीदा बानो बेगम तथा पत्नी का नाम जोधाबाई या हरका बाई था। अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। अकबर बचपन से ही महान था वह एक ऐसा राजा हुआ है जो केवल 14 वर्ष के ही उम्र में राजा बन गया था।

उनका राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 को पंजाब के कलानौर में हुआ। उस समय वह बहुत छोटे थे इसीलिए राजपाट संभालने के लिए बैरम खान का सहारा लेना पड़ा फिर 4 साल बाद 1560 में बैरम खां से मुक्त हुए और पूरे राजपाट को संभाला । उन्होंने 1562 में दास प्रथा को समाप्त कर दिया, 1563 मैं तीर्थ यात्रा कर को समाप्त कर1575 में दार्शनिक और धार्मिक प्रश्नों पर वाद विवाद के लिए फतेहपुर सीकरी में इबादत खाना की स्थापना करायाजहां सभी धर्मों के विद्वानों में वार्तालाप के द्वारा उनके धर्म की अच्छी-अच्छी बातों का संग्रह किया तथा 1564 में जजिया कर को समाप्त कर दिया। जजिया कर गैर मुसलमानों (हिंदुओं) से लेने जाने वाला कर था। उन्होंने अपने दरबार में कुछ विशेष क्षेत्रों के विशेषज्ञों को संरक्षण दिया था जिसे नवरत्न कहा जाता था। उन के नवरत्न के नाम निम्नलिखित है
1 अब्दुल रहीम खाने खाना
2 हकीम हुकम
3 मुला दो प्याजा
4 अबू फजल
5 फैजी
6 तानसेन
7 राजा मानसिंह
8 राजा टोडरमल
9 बीरबल
यह नवरत्न विभिन्न विद्याओं के विशेषज्ञ थे।

अकबर की महानता:

अकबर को विश्व के महान सम्राटों में से एक सम्राट माना जाता है। अकबर एक बहुत ही महान शासक थे । मुगल वंश इन्हीं के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है।इनके जीवन चरित्र को लिखने वाले इन के दरबार में निवास करने वाले नवरत्न में से एक जिसका नाम अबू फजल था उन्होंने उनके कहने पर फारसी भाषा में किताब लिखी जिसे अकबरनामा कहते हैं। अकबरनामा के तीन भाग हैं इसके तीसरे भाग को आईने अकबरी कहते हैं। उन्होंने लिखा है कि अकबर एक मुसलमान शासक था वह एक मुसलमान होते हुए भी सूर्य को अर्घ्य देते और माथे पर तिलक लगाते थे ।वह हर लोगों में शांति चाहते थे और अपने प्रजा से हमेशा प्यार करते थे अन्य धर्म के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करता था। और सभी धर्म को एक साथ लेकर के चलता था कभी किसी से भेदभाव नहीं करता जो इंसाफ होता वही करते हैं। अकबर ने 1581-82 इसवी में दीन ए इलाही नामक ने धर्म की स्थापना किया।
यह अकबर को इतिहास में सम्राट कहां गया है।

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