परिचय:
शरीर के अंगों की रक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि यह शरीर हमारा है तो जाहिर बात है कि हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए।अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो कुछ भी नहीं कर पाएंगे तो स्वस्थ रहने के लिए शरीर के अंगों की रक्षा बहुत अहम है। इसीलिए हमें अपने शरीर की रक्षा करनी चाहिए। ताकि हमारे शरीर का कोई भी अंग काम करना ना बंद करें नहीं तो इससे बहुत ही कठिनाई होती है।
कहानी
एक आदमी कम सुनता था। एक बीमार मित्र को देखने गया। उसने पूछा: कहो मित्र, क्या हाल है?
बीमार मित्र ने धीमे स्वर में कहा: हालात दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। बचना मुश्किल जान पड़ता है।
मित्र की धीमी आवाज उसे सुनाई नहीं पड़ी। उसने अनुमान लगाया कि इसने कहा है कि हालत सुधरती जा रही है। इस पर वह बोला बहुत प्रसन्नता की बात है। भगवान करे, ऐसा ही हो। इस उत्तर से बीमार मित्र दुखित हुआ।
बहरे ने फिर पूछा: इलाज किसका चल रहा है?
मित्र ने झुंझलाकर कहां: यमराज का।
फिर बिना सुने ही कहा: मित्र तुम बड़े समझदार हो अच्छे डॉक्टर से इलाज करा रहे हो। वह रोग को सदा के लिए उखाड़ फेंके गा।
मित्र बोला: अरे रोग को क्या वह तो रोगी को ही सदा के लिए समाप्त कर देगा।
बहरे ने यह समझते हुए कि वह डॉक्टर की प्रशंसा कर रहा है,
कहां: हां बिल्कुल ठीक, यही बात है। अच्छा वह दवाई कौनसी दे रहा है?
मित्र ने कुढ़कर कहा : जहर दे रहा है।
बहरा बोला: वाह यह तो बड़ी अच्छी दवा है।
यह सुनकर बीमार आदमी को खेला गया और उसने नौकर को बुलाकर उसे घर से बाहर निकाल देने को कहा। उस बेचारे को यह अपमान कान खराब होने के कारण ही सहना पड़ा।
शरीरों के अंगों की देखरेख:
कान खराब होने या बहरे होने के कई कारण है। हमें कान खुजाने की आदत होती है और इसके लिए दियासलाई काठी आदि का प्रयोग करते हैं। थोड़ी सी बी आर ओ धानी के कारण कान का पर्दा फट जा सकता है और हम बहरे हो जा सकते हैं। सिर में ठंडक लगने कान में ठंडी हवा या पानी पहुंचने या कान में बहुत अधिक महल जमा होने से भी हमें कम सुनाई देता है।
काम की तरह नाक आंख मुंह हाथ पांव शरीर के मुख्य अंग है हमें हरन की रक्षा का ख्याल रखना चाहिए। तथा सभी का देखरेख करना आवश्यक है। यदि हम अपने शरीर के अंगो का देखरेख ना करें तो यह हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। ठंड से ना बचा जाए तो सर्दी हो जाती है नाक बहने लगती है, बार बार छींक आती है और आंखों से पानी गिरता है। सोकर उठने पर हमें आंख और मुंह अच्छी तरह धोना चाहिए। आंख सटाकर किताब पढ़ने से बचना चाहिए इससे आंखों को हानि पहुंचती है।
पौष्टिक भोजन के अभाव में हमारी आंखें खराब हो सकती है, साथ ही साथ हाथ पांव कमजोर पड़ने लगते हैं। त्वचा की सफाई ना की जाए तो खाज खुजली होने का डर बना रहता है आवश्यकता है शरीर के सब अंगों की उचित देखभाल करना। शरीर के सब अंग सुरक्षित रहेंगे तभी हम सब काम अच्छी तरह कर सकेंगे और अपना जीवन सुख में जी सकेंगे।