कविता- तू जिंदा है तो...
लेखक-शंकर शैलेंद्र
निम्नलिखित पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
1 तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर।
प्रस्तुत पंक्ति हमारे हिंदी साहित्य के किसलय भाग 3 के कविता से लिया गया है इसके लेखक शंकर शैलेंद्र जी है इस पंक्ति में शंकर शैलेंद्र जी ने कहा है।
हे मनुष्य ! यदि तू जिंदा है तो जिंदगी में जीत होगी या विश्वास रखो। यदि कहीं स्वर्ग है तो तुम अपने अच्छे कर्म से उसे जमीन पर उतार ले आओ।
2. यह गम के और चार दिन सितम की और चार दिन यह दिन भी जाएंगे गुजर, गुजर गए हजार दिन कभी तो होगी, इस चमन पर भी बाहर की नजर, अगर है कि स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो ......
अर्थ- प्रस्तुत पंक्ति हमारे हिंदी साहित्य के किसले के कविता से लिया गया है इसके लेखक श्री शंकर शैलेंद्र है लेखक इस कविता के माध्यम से कहते हैं ।
गम और अत्याचार के कुछ दिन बीत गए।आज के दिन भी यदि तुम दुख में हो तो वह भी गुजर जाएंगे क्योंकि दुख के हजार दिन बीत चुके हैं। इस जिंदगी में कभी ना कभी तो बाहर आएगी। तुम अपने शुभ कर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हो। यदि तू जिंदा है तो जिंदगी में जीत होगी इस बात पर विश्वास रखो।
3सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर तू सुन जमीन गा रही है कब से झूम झूम कर तू आ मेरा सिंगार कर तू आ मुझे हसीन कर अगर है कहीं स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो....
अर्थ- सुबह और शाम लाल रंग से रंगे गगन को चूम कर जमीन झूम झूम कर गाती है अर्थात दुख सुख में दोनों एक समान रहने वाले आकाश को देखकर पृथ्वी आनंदित हो जाती है उसी प्रकार हे मानव तुम मुझे भी आनंदित कर दे यदि अगर कहीं स्वर्ग है तो तुम उसे उतार कर जमीन पर ले आओ यदि तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत होगी इस बात पर विश्वास रखो।
4. हजार भेष घर के आई मौत तेरे द्वार पर, मगर तुझे न छल सकी, चली गई वह हार कर नई सुबह के संग सदा तुझे मिली नहीं उम्र अगर है कहीं स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो...
अर्थ- हजार दुख रूप धारण करके तेरे द्वार पर आए लेकिन सभी हार कर चले गए। नई सुबह प्रतिदिन आकर तुझे नई उम्र प्रदान करती आ रही है वस्तुतः यदि कहीं स्वर्ग है तो तुम उसे जमीन पर लादू तू जिंदा है तो जिंदगी में सफलता अवश्य मिलेगी ऐसा विश्वास करो।
5.हमारे कारवां को मंजिलओं का इंतजार है यह आंधीओ यह बिजली ओके पीठ पर सवार है तुआ कदम मिलाकर चल चलेंगे तेरे साथ हम अगर है कहीं स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो.....
अर्थ- हमारे मानव समुदाय को मंजिल लक्ष्य का इंतजार है और लक्ष्य पाने के लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं जो बिजली और आंधियों के पीठ पर सवार होकर इसका सामना कर रहे हैं। हम सबको अपने मंजिल के लिए संघर्ष करना चाहिए और कदम से कदम मिलाकर के चलना चाहिए और एक साथ अपने मंजिल को प्राप्त करना चाहिए यदि तू जिंदा है तो जिंदगी में जीत होगी इस बात पर विश्वास रखना चाहिए।
6 जमीन के पेट में पली अगन पले है जलजले टिके न टिक सकेंगे भूख रोग के स्वराज मुसीबतों के सर कुचल चलेंगे एक साथ हम अगर कहीं स्वर्ग है तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो....
अर्थ- जमीन के घर में आग और भूकंप दोनों पलते हैं लेकिन कभी धरती घबराती नहीं है। उसी प्रकार भूख रूपी रोग का अपना राज्य भी नहीं टिक सकेंगे।मुसीबतों का सर कुचल कर हम सब एकता के सूत्र में बंधकर हमेशा एक साथ चलते रहेंगे अगर कहीं स्वर्ग है तो उसे जमीन पर उतार लेंगे। यदि तुम जिंदा हो तो जिंदगी में जीत होगी इस बात पर विश्वास रखो
7बुरी है आग पेट की बुरे हैं दिल के दाग यह न तब सकेंगे एक दिन बनेंगे इंकलाब गिरेंगे जुल्म के महल बनेंगे फिर नवीन घर अगर कहीं स्वर्ग है तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तो ...
अर्थ - भूख और अपराध दोनों बुरे हैं। यदि यह दोनों समाप्त नहीं हुए तो 1 दिन इंकलाब बनेंगे। जिससे जुल्म के महल रह जाएंगे। नए घर बनेगा। अर्थात शांति का माहौल बनेगा। यदि तू जिंदा है तो जिंदगी में जीत हो गई इस बात पर भरोसा रखो तुम अपने शुभ कर्म से स्वर्ग को पृथ्वी पर ला सकते हो।
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Written by Motivational speaker Md Usman Gani