हुंडरू का जलप्रपात ।Non Hindi 10th class ।By Motivational speaker Md Usman Gani


 

पाठ का नाम-हुंडरू का जलप्रपात

लेखक का नाम-कामता प्रसाद सिंह काम

पाठ विद्या-यात्रा वृतांत

पाठ का सारांश                               

हुंडरू झारखंड राज्य के छोटानागपुर जिले में पड़ता है। रांची से 27 मील की दूरी पर स्थित है-हुंडरू का जलप्रपात। अत्यंत सुंदर मनमोहक यह जलप्रपात है इसकी यात्रा मार्ग भी सुंदर एवं मनमोहक है। 

पहाड़,जंगल, घाटिया, नदियों को पार कर हुंडरू के जलप्रपात तक पहुंचा जाता है। आदिवासियों का गीत, चिड़ियों की चहचहाहट, कोयल की बोली, और जानवरों की आवाज, अत्यंत मनमोहक लगती है। हरियाली संपन्न हुआ परदेश जादू की तरह मन को मोह लेता है।


कहीं कोयला तो कहीं अब रखकर खान मिलते हैं। वहां के लोग गरीब और सीधे साधे हैं। हुंडरू का जलप्रपात स्थल शोभा देवलोक जैसा है।243 फीट ऊंची जगह से गिरता यह प्रपात पहाड़ों को चीरता पत्थर पर जिस समय गिरता है उसका स्वरूप अत्यंत आकर्षक दिखाई देता है। पानी गिर कर 20 फीट तक छलांग लगाता है। झरने से आगे का दृश्य और भी अधिक मोहक है। उससे आगे भी ऊंचे ऊंचे प्रपात हैं लेकिन वहां तक पहुंचना कठिन है।


पहाड़ के ऊपर से नीचे पतली पगडंडी से चलकर घाटी की शोभा भी दर्शनीय है। यह कहीं पर शेर की तरह छलांग मारते हिरण की तरह उछलते और सांप की तरह चलते हुए प्रतीत होता है।नदियों के किनारे रंग-बिरंगे पत्थर विभिन्न आकार प्रकार में लोगों के लिए नयन विराम लगता है।

हुंडरू की शोभा प्राकृतिक पदत है।


वहां दुकानों का अभाव है। खाने पीने की चीज नहीं के बराबर मिलते हैं। प्रपात के पास भयंकर ध्वनि दूर से ही लोगों को आकर्षित कर लेता है। हुंडरू का जलप्रपात दर्शनीय है।

1 जैसे हुंडरू का झरना। वैसे उसका मार्ग इस कथन की व्याख्या कीजिए?

उत्तर- हुंडरू का झरना अत्यंत आकर्षक, मनमोहक और आनंददायक है। इसी प्रकार हुंदरू जाने का मार्ग भी आकर्षक मनमोहक और आनंददायक है। मार्ग में बिहार जंगल जिसमें हिंसक जीवों की आवाज के साथ-साथ विविध पक्षियों का कलरव मनमोहक लगता है। हर जगह हरियाली देखने को मिलती है।हरे भरे खेतों की हरियाली रास्ते का आनंद और भी बढ़ा देता है। हुंडरू का जलप्रपात किस से उत्पन्न धावल झाग मन के सारे विकारों को दूर कर देता है।

2 हुंडरू का झरना कैसे बना है?

उत्तर- स्वर्णरेखा नदी पहाड़ को पार करने के लिए अनेक भागों में विभक्त हो जाती है। पुणे एक जगह होकर पहाड़ से उतरती है। यह हुंडरू का झरना जो 243 फुट ऊपर से गिरती है। और नीचे आकर 20 फुट छलांग मारती है।

3  झरने से भी ज्यादा खूबसूरत मालूम होता है, झरने से आगे का दृश्य, उस दृश्य की सुंदरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए?

उत्तर- हुंडरू झरने से भी ज्यादा खूबसूरत मालूम होता है उसके आगे का दृश्य। आगे घाटी है। पहाड़ों के बीच पतली नदी मानो थर्मामीटर का पारा हो। नदी के इर्द-गिर्द पत्थरों का ढेर लगा हुआ है और उस पर झारी हुई है। चारों ओर सुंदरता है सुंदरता दिखाई पड़ती है। संपूर्ण दृश्य प्राकृतिक है। स्वर्ग जैसा सुख देने वाला हूं लोगों के झरने से आगे का दृश्य।

4प्रस्तुत पाठ के आधार पर समझाइए कि किसी यात्रा वृतांत को रोचक बनाने के लिए किन किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ  हुंडरू का जलप्रपात, यात्रा वृतांत है।किसी भी गिरी यात्रा वृतांत को रोचक बनाने के लिए प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ वहां के सांस्कृतिक सामाजिक आर्थिक स्थिति का वर्णन भी अनिवार्य है। जैसे कि हुंडरू का जलप्रपात शीर्षक पाठ में लेखक ने वर्णन किया है।

5 यहां पर एक दृश्य का वर्णन दो प्रकार से किया गया है?

उत्तर- (क) हुंडरू का पानी कहीं सांप की तरह चक्कर काटता है, कहीं हरिन के तरह छलांग भरता है और कहीं बाघ की तरह गरजता हुआ नीचे गिरता है।


(ख) हुंडरू का पानी चक्कर काटकर छलांग भरता हुआ नीचे गिरता है।


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