बच्चे की दुआ। मोहम्मद इकबाल।by Motivational speaker Md Usman Gani


लेखक का नाम -मोहम्मद इकबाल
पाठ विद्या -बच्चे की दुआ

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी,
जिंदगी शमा की सूरत हो खुदाया मेरी।

अर्थ -हे ईश्वर मेरी तमन्ना प्रार्थना बनकर मेरे होंठ पर आ जाती है मेरी जिंदगी आनंद से पूर्ण हो जाए।

दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए,
हर जगह हम मेरे चमकने से उजाला हो जाए।

अर्थ -मेरी शक्ति से दुनिया का अंधेरा दूर हो जाए। हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए। अर्थात में अपने ज्ञान से लोगों की अज्ञानता को दूर कर सकू।

हो मेरे दम से योही मेरे वतन की जीनत,
जिस तरह फूल से होती है चमन कि जीनत।

अर्थ - मेरी शक्ति से हमारे मातृभूमि की शोभा बढ़ाएं। जिस तरह फूल से होती है फुलवारी की शोभा।

जिंदगी हो मेरी परवान की सूरत या रब,
इल्म की शम्मा से हो मुझको मोहब्बत या रब।

अर्थ -हे प्रभु! मेरी जिंदगी परोपकार के लिए हो। हे प्रभु मुझे ज्ञान अर्जन के प्रति मोहब्बत हो

हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना,
दर्द मंदो से जयपुर से मोहब्बत करना।

अर्थ - हे भगवान,! मेरा काम गरीबों की भलाई के लिए हो तथा मेरा काम प्रिय एवं बड़ों से प्रेम करना हो।

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको,
नेक जो रहा है उस रह पर चलाना मुझको।

अर्थ -ए मेरे अल्लाह! मुझको बुराई से बचाना तथा अच्छे मार्ग पर मुझको अग्रसर करना।

Q1 आपको यदि अल्लाह या ईश्वर से कुछ मांगने की जरूरत हो तो आप क्या-क्या मांगेंगे?

उत्तर - हम अल्लाह या ईश्वर से ज्ञान विद्या आरोग्यता तथा परोपकार की भावना की मांग करेंगे।

Q2 कविता में संसार को बेहतर बनाने की कामना मुखर हुई है। इन कामनाओं को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर -हे ईश्वर मुझसे मेरे वतन की शोभा बड़े जिस तरह फूल खिलकर फुलवारी की रौनक को बढ़ा देता है। मैं अपने दम पर दुनिया की अज्ञानता को दूर कर सकूं। मैं अपने कर्म से हरे क्षेत्र में खुशी ला दूं।

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