10th class Biology M.V.V.I Subjective Questions and Answer।Md Usman Gani

 


उत्सर्जन क्या है? उत्सर्जन में भाग लेने वाले वृक्ष से संबंधित अन्य रचनाओं को सूची बंद करें?

उत्तर -शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना उत्सर्जन कहलाता है । मनुष्य में उत्सर्जन से संबंधित महत्वपूर्ण रचनाएं निम्नलिखित है

वृक्क

मित्र वाहिनी

मूत्राशय

मूत्र मार्ग

परपोषण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर -जिसमें जीव अपना भोजन खुद संश्लेषित नहीं करते हैं अपितु किसी न किसी रूप में अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं। पर पोषण निम्नांकित चार प्रकार के होते हैं

  1. प्राणिसम पोषण
  2. मृतजीवी पोषण
  3. परजीवी पोषण
  4. परासरनी पोषण 
श्वसन क्या है?

उत्तर -शरीर के बाहर से ऑक्सीजन को ग्रहण करना तथा कोष की आवश्यकता ओं के अनुसार खाद्य सुरक्षा विघटन में उसका उपयोग स्वसन कहलाता है।

परिसंचरण तंत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तर -उच्च श्रेणी के जंतुओं में एक विशेष प्रकार का परिवहन तंत्र होता है जो ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड पोषक तत्व हार्मोन उत्सर्जी पदार्थ या अन्य उपापचय क्रियाओं के फल स्वरुप उत्पन्न विभिन्न पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में ले जाता है जिसे परिसंचरण तंत्र पाते हैं इस तंत्र के तीन प्रमुख अवश्य हैं।

  1. रक्त या रुधिर
  2. ह्रदय
  3. रक्त वाहिनीया 
उत्सर्जन क्या है ?मानव में इसकेेेे दो प्रमुख अंगोंं के नाम लिखें? 

उत्तर -जीवो के शरीर से उपापचय क्रियाओं के फल स्वरुप उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निष्कासन की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं।

मानव में इसके दो प्रमुख अंग के नाम निम्नलिखित है।

  1. वृक्क (Kidney) जो रक्त में द्रव के रूप में अपशिष्ट पदार्थ मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालता है
  2. फेफड़ा (Lungs) जो रक्त में गैसीय अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है।
वाष्प उत्सर्जन को परिभाषित करें?

उत्तर: -

        द्रव का कमरे के ताप पर द्रव के कछुआ नाम के नीचे किताबों पर वाष्प बनकर धीरे-धीरे वायुमंडल में जाने की प्रक्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाती है।

मनुष्य में कितने प्रकार के दांत पाए जाते हैं? उनके नाम  लिखे हैं?

उत्तर: -
        मनुष्य में दांत चार प्रकार के होते हैं। कतरनक या इंसाईजर, भेदक या केनाइन, अग्रचवर्नक प्रीमोलर, मोलर

आयोडीन की कमी से कौन सी बीमारी होती है?

उत्तर: -
     आयोडीन की कमी से घेंघा रोग होता है। आयोडीन की कमी के कारण थायरोक्सिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में स्रावित नहीं हो पाता है जिससे थायराइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप गले में सूजन हो जाता है। शरीर की इस अवस्था को घेंघा रोग के नाम से जाना जाता है।

परागकण से क्या समझते हैं? परागकण कितने प्रकार के होते हैं

उत्तर: -
      नर जनन अंग से परागकण का गमन मादा जनन अंग पर होना परागण कहलाता है। इसमें कीड़े जानवर हवा तथा पानी सहायक होते हैं। परागण दो प्रकार के होते हैं।
I) स्वपरागण
ii) पर परागण

Post a Comment

Previous Post Next Post