हेलो दोस्तों स्वागत है आपका मेरे इस वेबसाइट पर मैं एमडी उस्मान गनी स्वागत करता हूं आपका दोस्तों आज का पोस्ट बहुत ही दमदार हैं। इस पोस्ट को पढ़कर आपको बहुत से जानकारी मिलेंगे और आप बहुत कुछ सीख भी सकते हैं चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं।
परिचय:-
पुस्तके हमारी मित्र: -
वस्तुतः पुस्तके हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारी ज्ञानवर्धक और जीवन में प्रगति करने की मार्गदर्शक होती हैं। सच्चा मित्र हमें गुमराह नहीं करता तथा हमारी मुसीबतों में हमेशा सहायता करता है। उसी प्रकार पुस्तकों द्वारा हम अपने सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। वह हमें अच्छे कार्यों की ओर प्रवृत्त तथा गलत कार्यों को करने से रोकती है। वह हमें ज्ञान की ज्योति प्रदान करती हैं।
पुस्तके प्रेरणा के स्रोत: -
पुस्तक के ज्ञान का अपूर्व भंडार हैं, प्रेरणा की असीम स्रोत हैं।
पुस्तके राष्ट्र और समाज का दर्पण होती है जिसके द्वारा हम समाज एवं राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। यह हमारे भविष्य को संवारने मैं मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। महान लेखक कवि तथा निबंधकार की रचनाओं से हमें आगे बढ़ने तथा जीवन कोसा मारने की प्रेरणा मिलती है।
पुस्तके: -विकास की सूत्रधार:
निर्विवाद यह कहा जा सकता है कि पुस्तके विकास के सूत्रधार होती है। इनके द्वारा ज्ञान विज्ञान की अविरल धारा मानव मस्तिष्क में नवीन स्फूर्ति कथा चेतना का प्रसार करती है। शेक्सपियर ,प्रेमचंद्र, रविंद्र नाथ टैगोर, जगदीश चंद्र बसु, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, जैसे असंख्य महान विभूतियों के अमृत वचन से हम सभी लाभांवित हुए हैं हमें विभिन्न विषयों का ज्ञान प्राप्त हुआ है।
पुस्तकें: प्रचार का साधन: -
पुस्तके प्रचार का सशक्त माध्यम होती हैं। पुस्तकों द्वारा विश्व के महान विचारकों ने समाज एवं राष्ट्र के स्वरूप को बदल दिया है। इसके द्वारा अनेकों महत्वपूर्ण क्रांतियां हुई हैं। समाज एवं राष्ट्र में व्याप्त अनाचार और आतंक की समाप्ति में पुस्तकों ने व्यापक भूमिका अदा की है।
मनोरंजन का साधन: -
पुस्तके मनोरंजन का भी सशक्त साधन है। अनेकों उपन्यासकार, कवि, कहानीकार, वयग लेखक और निबंध आकार की रचनाओं में मनोरंजन पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है। हम कल्पना के संसार में विचरण करने लगते हैं । कथानक में हम इतना डूब जाते हैं कि पुस्तकों को बिना पूरी तरह पड़े चैन की सांस नहीं लेते, उत्सुकता चरम पर पहुंच जाती है। आत: पुस्तके हमारे जीवन के सर्वतोमुखी विकास में अत्यंत सहायक होती है और मनोरंजन का अभिनव एवं अपूर्ण साधन है।
हमें पुस्तक क्यों पढ़नी चाहिए:-
हमें पुस्तक इसलिए पढ़नी चाहिए कि इससे हमें ज्ञानार्जन हो और हम हर चीज को अच्छे तरीके से कर सके और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए हमें पुस्तके पढ़नी चाहिए।
हेलो दोस्तों आशा करता हूं कि आज का यह पोस्ट आपको बहुत अच्छा लगा होगा। हमारे वेबसाइट पर आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपको तहे दिल से शुक्रिया।