Non Hindi Class 10th खेमा (कहानी) पाठ 16 By Md Usman Gani

 

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस वेबसाइट में आज का टॉपिक आपके लिए बहुत ही दमदार है आज हम लोग पढ़ने वाले हैं  अहिंदी कक्षा 10 जिसमें  चैप्टर है 16

पाठ विद्या: -कहानी

पाठ का नाम: -खेमा

लेखक का नाम: -पा. पु. वि. स.

                             पाठ का सारांश 

खेमा मात्र आठ 9 वर्ष का बाल श्रमिक है। गेहुआ रंग 3:30 फीट की लंबाई खाकी निक्कर और पैबंद लगे कमीज तुल्ली बोली वाला वह बच्चा का सारा के चाय दुकान में काम करता है।

  मालिक का सारा चाय बनाता है और खेमा ग्राहकों को चाय पहुंचाता है फिर गिलास को धोखा टेबल पर रखता है। दुकान खोलने से लेकर दुकान बंद होने तक का सारा के हर एक आज्ञा का पालन करता है। अगर कसारा डांटता या गाली भी देता तो खेमा चुपचाप अपने काम में लगा रहता था। 1 दिन खेमा ने कसारा से कहा का का पैर जलता है चप्पल ला दो।

  खेमा की बात सुनकर का सारा बौखलाया और कहा -अभी रख दूंगा चप्पल सिर पर चल अपना काम कर बड़ा आया चपले पहन वाला।

       गर्मी का समय था नंगा पैर जब जलने लगता तो पैर पर पानी डालकर वह पैर के जलन दूर करता है। खेमा ग्राहकों की भीड़ दी भद्दी गालियां सुन कर चुपचाप अपना काम करता रहता था। घर का सारा खाते-खाते उठ जाता तो खेमा उस जूठे खाना खाकर अपनी भूख मिटा लिया करता था। दोपहर में जब ग्राहकों का आना बंद हो जाता है तब कासारा सो जाता। कसारा के सो जाने पर भी खेमा नहीं होता बल्कि बैठ कर कभी-कभी झबकि ही मार लेता। रात्रि कालीन भोजन करके मां अपने मालिक का सारा का पैर दबाता फिर दोनों सो जाते हैं दूसरे दिन फिर वही बात।

   2 मार्च पूर्व का सारा ने उस बालक को खरीद कर लाया था। कसारा उसे पीटता भी था। खेमा सब कुछ सह लेता था। एक रोज जब कसारा दुकान में नहीं था लेखक ने खेमा से पूछा तुम्हारा सेठ तुमको कितना पैसा देता है। खेमा ने कहा मैं नहीं जानता हूं। लेखक ने फिर पूछा क्या स्कूल नहीं जाते?

  खेमा ने उत्तर दिया पढ़ाई का मन तो करता है, लेकिन बाबू स्कूल नहीं भेजते। लेखक ने पुनः पूछा क्या तुम अपने मालिक से खुश हो? उत्तर में खेमा कुछ जवाब नहीं देता है। खेमा के घर जाकर उसके पिता से खेमा को पढ़ाई लिखाई करवाने के लिए मांगा।

   खेमा का बाप रोते हुए कहा -ठीक है पर कसारा का रुपया लौट आना होगा तब खेमा को कसारा से छुटकारा मिलेगा।

खेमा का पिता कसारा के पास रुपया वापस किया तब खेमा को कसारा से छुटकारा मिला।

 खेमा लेखक के शरण में आ जाता है। वह लेखक की सेवा तथा सब काम करना चाहता है लेकिन लेखक उसे केवल पढ़ाई पर जोर देने की बात करते हैं।

                                   अभ्यास प्रश्न 

Q1 खेमा का सारा के होटल पर काम क्यों करता था?

उत्तर: - 

  खेमा एक गरीब बाप का बेटा था। बाप अपने चार बच्चों को भरण-पोषण के भार से बचने के लिए सब को बेच लिया था। खेमा को कसारा ने खरीद लिया था। इसीलिए खेमा का सारा के होटल में काम करता था।

Q2 खेमा द्वारा चप्पल की मांग करने पर कसारा में क्या जवाब दिया?

उत्तर: 

  मेरे पैर जलते हैं। चप्पल ला दो काका.....। यह कहते हुए खेमा ने जब चप्पल की मांग किया तो कसारा ने जवाब देते हुए कहा -अभी रख दूंगा चप्पले सिर पर चल अपना काम कर, बड़ा आया चप्पले पहनने वाला;

यह सुनकर खेमा निराश भी हो गया।

Q3 अपने पैरों पर पानी गिराने से खेमा को तसल्ली क्यों मिलती थी?

  उत्तर: -

  गर्मी के मौसम था, खेमा के खाली पर जलता था, कसारा से चप्पल मांगने पर डांट पड़ी। अतः खेमा अपने पैर के जलन दूर करने के लिए पानी डालता था।

4 किन परिस्थितियों में खेमा के पिता ने उसे बेच दिया था?

 उत्तर: -

     खेमा के पिता गरीब था। अपने बच्चे को वह भरण पोषण करने में सक्षम नहीं था। अत: अन्य भाइयों की तरह ही खेमा को भी बेच कर अपने दायित्व से मुक्त हो गया था।

Q5 जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आंखें क्यों भर आई? अपना विचार दीजिए

उत्तर: -

 जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आंखें भर आई क्योंकि उसके मन में अपने संतान के प्रति अनुराग जाग गया। हर एक पिता का अनुमान होता है कि वह पढ़ लिखकर कुछ करेगा। बड़ा आदमी बनेगा। लेकिन वह तो अपने अरमानों का गला घोट चुका था। वाह खेमा को चंद्र रुपए में बेच दिया था। इसी कारण से खेमा के पिता के आंखों में पानी भर गया।

हेलो दोस्तों इस वेबसाइट पर आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपको तहे दिल से शुक्रिया ❤️


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