Non Hindi Class 10th chapter 14 पीपल

 

Non Hindi Class 10th chapter 14 पीपल

कविता का सारांश 

 जंगल का श्रेष्ठ पेड़ पीपल युगो से अचल अटल होकर स्थित है। ऊपर नीले आकाश और नीचे धरती पर नदी झील है। बल के चारों ओर जामुन तमाल इमली आदि के पेड़ हैं। पानी से निकला हुआ कमल के डेंटल पर लाल लाल कमल खिले हैं। की आवाज करते हुए हंस क्रीड़ा कर रहे हैं। ऊंचे पतझड़ के टीले से धरती पर झरना झर झर की आवाज कर गिर रही है। वही झरना झर कर पानी का रूप ले लेता है । झरना के पास खड़ा पीपल झरना का कल कल छल छल की आवाज सुनते रहता है। पीपल के पत्ते डंठल की आवाज करते। गोल गोल पीपल का पत्ता डोल डोल कर कुछ कह रही हो। पक्षियों पेड़ पर आते हैं और फल चुन चन कर खाते हैं।

     जब वर्षा ऋतु की फुहार बरसने लगते हैं तो पक्षियों का गायन आरंभ हो जाता है। जब जब शीतल हवा बहती है तब तब कोमल पल्लव हिलडुल कर सर सर मर मर के मीठी आवाज करने लगते हैं। बुलबुल भी पल्लव को गाते देखकर चाहने लगते हैं। नदिया बहाकर गाती रहती है। पीपल के पत्ते रह रह कर हिलते रहते हैं।  पैर में जितनी ही खोखन है सब में पक्षी और गिलहरियों के घर हैं 

   जब शाम होती है। सूरज अस्ताचल की ओर किरणें समेट कर चली जाती हैं। सारा संसार सुनाई दिखाई पड़ने लगती है। ख्याली संध्या को देख पक्षियों। लोग सोने लगते हैं। नींद में लोग रात बिता देते हैं

फिर प्रभात होती है। पूर्व दिन की भांति फिर सभी पेड़ पौधे दिखाएं पढने लगते हैं। चकोर जहां रात को रो-रो कर बतती है वही दिन में मोर नाचते दिखते हैं। लताएं एक दूसरे से आंगन कर रही हैं। उनका यह आलिंगन चीरआलिंगन है। पीपल के पेड़ के नीचे जब पथिक आते हैं तो अनायास उन्हें नींद आने लगती है।


Q 1 पीपल का पेड़ हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है?

 उत्तर: -

  पीपल का पेड़ हमारे लिए सदैव उपयोगी है। वह हमें शीतल छाया प्रदान करती है। पीपल का पेड़ प्राणियों के लिए प्राण वायु ऑक्सीजन छोड़ता है तथा हमारे द्वारा छोड़ा गया दूषित वायु को ग्रहण करता है।

Q2 कैसा वातावरण मिलने पर बुलबुल गाने लगती है?

उत्तर: -

  जब वर्षा ऋतु आती है तथा शीतल हवा का झोंका पाकर पत्ते हिलने लगते हैं तो बुलबुल का गाना भी सुनाई पड़ने लगता है।

Q 3 वन्य प्रांत के सौंदर्य का वर्णन कीजिए।

उत्तर: -

   वन्य प्रांत का सौंदर्य दर्शनीय होता है। विविध प्रकार के पेड़ लगाएं, झरना, झील और नदियों से बना प्रांत की शोभा मनोरम होती है। चिड़ियों का कलरव मोर का नाच ना, हंस की क्रीड़ा यह सभी जंगल की शोभा की बढ़ाते रहते हैं।

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