हेलो दोस्तों स्वागत है आपका मेरे इस वेबसाइट पर आज का टॉपिक बड़ा ही दमदार टॉपिक है जो आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा
Q1 वाहनों में किस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है और क्यों
उत्तर: -वाहनों में पीछे के दृश्य को देखने के लिए उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है क्योंकि
(I) यह हमेशा छोटा आभासी और सीधा प्रतिबिंब बनाता है
ii) इसका दृष्टि क्षेत्र काफी बड़ा होता है
Q2 इंधन के रूप में लकड़ी का उपयोग उचित क्यों नहीं है जबकि जंगलों के पुनः पूर्ति हो सकती है?
उत्तर :-
वृक्षों को काटकर प्राप्त लकरी ऊर का एक नवीकरणीय स्रोत है। तुम तो कोई वृक्ष परिपक्व होने में 15 वर्ष से अधिक समय ले सकता है इस प्रकार लकड़ी के सामान ऊर्जा स्रोतों की पुनः प्राप्ति में बहुत समय लगता है बड़ी संख्या में वृक्षों को काटने से जंगल नष्ट हो रहे हैं जो पर्यावरण असंतुलन का कारण है यही कारण है कि लकड़ी का ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करना विवेकपूर्ण निर्णय नहीं है।
Q3 अवतल दर्पण अवतल दर्पण उत्तल दर्पण और समतल दर्पण को छूकर एवं बिना छुए हुए कैसे पहचान करेंगे?
उत्तर
अवतल दर्पण को छूने पर पता चलता है कि इसका प्रवर्तक सतह नत। उतल दर्पण का परावर्तक सतह उभरा होता है। समतल दर्पण का प्रवर्तक सतह समतल होता है। टीना बर्तनों के फोकस के भीतर एक वस्तु तीन पिन को बारी-बारी से रखा जाता है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी सीधा और बड़ा दिखाई पर है वह अवतल दर्पण है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी सीधा छोटा दिखाई पड़े वह उत्तल दर्पण है। जैसे दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी सीधा और वस्तु के आकार के बराबर दिखाई पड़े समतल दर्पण है।
Q4 विद्युत चुंबक और स्थाई चुंबक में अंतर बताएं?
उत्तर:-
नरम लोहे के कोड पर धारावाहिक कुंडली लपेटकर धारा प्रवाहित की जाती है तो यह विद्युत चुंबक बन जाता है। अभी तक रहता है जब तक कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होती रहती है। कार्बन स्टील के छड़ को धारावाहिक कुंडली के गर्भ में रख दिए जाए तो कुछ देर बाद यह चुम्बक बन जाता है।जब धारा का बहना बंद कर दिया जाता है तभी यह छड़ चुम्बुक्त का त्याग नहीं करता। यह स्थाई चुंबक कहलता हैं l
Q5 परिणालिका द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र किन किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:-
विधुतवाही परिनालिका द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र निम्नलिखित तीन बातों निर्भर करता है
I) कुंडली में तारों के फेरों की संख्या पर अगर तारों के फेरों की संख्या बढ़ जाएगी, तो चुम्बुकिए क्षेत्र बढ़ जायेगा।
ii) विद्युत धारा के शक्ति पर
iii) परिनालिका के गर्भ में रखे पदार्थ पर निर्भर करेगा। अगर नरम लोहा परिनालिका के गर्भ में रखा जाए, तो चुंबकीय क्षेत्र के शक्ति काफी बढ़ जाएगी।
हेलो दोस्तों आज का पोस्ट आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं आशा करता हूं कि आज का पोस्ट बहुत ही अच्छा लगा होगा । मेरे वेबसाइट पर आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपको तहे दिल से शुक्रिया