![]() |
Class 8 Non Hindi 10th class |
पाठ का नाम - सुदामा चरित्र
लेखक का नाम नरोत्तम दास
सुदामा का परिचय देते हुए कृष्ण के सामने द्वारपाल कहता है हे प्रभु एक ब्राह्मण द्वारा पर खड़ा है, उसके सिर पर ना पगड़ी है और न शरीर में कुर्ता फटी धोती पहने कंधे पर मेल दुपट्टा है, उसके पैर में जूते भी नहीं है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है।
भगवान श्री कृष्ण सुदामा नाम सुनते ही दौड़कर गले लगा लेते हैं। दोनों की आंखों से आंसू बहने लग। सुदामा के पैर में विवाह देखकर श्री कृष्णा उनके पैरों को धोते-धोते रोने लगते हैं। मानव परत के पानी से नहीं बल्कि आंख के आंसू सुदामा के पैरों को धो रहे हैं।
बाद में श्री कृष्ण ने सुदामा से कहा अभी भी तुम चोरी करने में प्रवीण हो, बचपन में गुरु माता ने चना गुड़ खाने के लिए हम दोनों को दिया था लेकिन तुम चुरा कर अकेले खा गया था । अब भाभी ने तो तंदुल दी है उसे भी कांख में छुड़ाकर दबा रहे हो।
सुदामा कुछ दिन विताकर घर लौटते समय सोच रहे हैं, कृष्ण ने कुछ नहीं दिया। हम बेकार द्वारिका आए। लेकिन जब वह अपने गांव में अपने घर के पास आते हैं तो वहां सुंदर भवन देखकर सुदामा को लगा कि क्या मैं भ्रम वास द्वारिका ही पहुंच गए। क्योंकि वहां भी द्वारिका के तरह ही सुंदर भवन हाथी घोड़े सब साधन मौजूद थे।
सुदामा जो गरीब थे आज भगवान श्री कृष्ण की कृपा से धनवान हो गए। जहां झोपड़ी थी वहां सोने का महल बन गया। जिनके पैर में जुटे नहीं थे वह हाथी पर सवार होकर चलते हैं
यह सब कृपा यदुवंश मनी भगवान श्री कृष्ण की थी देवता लोग भी कृष्ण की कृपा जानकर आकाश से फूल बरसने लग।
अभ्यास प्रश्न
Q1. सुदामा की दीन दशा देखकर श्री कृष्ण किस प्रकार भावविहिल हो गए?
उत्तर
सुदामा की दीन दशा देखकर श्री कृष्णा इतना भावविहील हो गए की रोने लगे। इतनी रो की पैर धोने के लिए लाया गया पानी कठौती में यूं ही रह गया अपने अश्रु जल से ही सुदामा के पैर धो डाले।
Q2. गुरु के यहां की किस बात की याद श्री कृष्ण ने सुदामा को दिलाई?
उत्तर
बचपन में जब दोनों मित्र संदीपन मुनि के आश्रम में रहते थे तो आश्रम के लिए लकड़ी जताने के लिए दोनों मित्र जंगल में गए थे। गुरु माता ने गुरु और चना सुदामा की पोटली में बांध दी थी कि दोनों खा लेना। लेकिन सुदामा भूख लगने पर चुपके से सुबह ही खा गए थे। इसी बात की याद श्री कृष्ण ने सुदामा को द्वारिका में दिलाए।
Q3. अपने गांव वापस आने पर सुदामा को क्यों भरम हो गया?
उत्तर
जब सुदामा द्वारिका से वापस अपने गांव आते हैं तो अपनी झोपड़ी की जगह द्वारिका जैसा ही महल देखकर भ्रमित हो गए।