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Essay |
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अनुशासन
परिचय:-
अनुशासन का अर्थ है -व्यवस्था, क्रम और आत्म नियंत्रण। यह एक ऐसा गुण है जो समय की बचत करता है, धन और शक्ति का अपवाये रोकता है तथा अतिरिक्त बल पैदा करता है। अनुशासन का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।
अनुशासन का स्वरूप: -
सिनेमा की टिकट खिड़की या बस पर चढ़ने वाले यात्रियों को ले ले। अधिकांशत बस पर चढ़ने वाले यात्रियों में धक्का मुक्की होती है। कभी-कभी एकाध खरोच भी आ जाती है। यदि बस पर चढ़ने का कार्य अनुशासन से हो जाए तो सभी बस में बैठ जाएंगे और धक्का मुक्की से उत्पन्न समस्या भी नहीं पैदा होगी।
अनुशासन का लाभ: -
अब मानव मन की उथल पुथल को ले। एक छात्रा को एक ही समय पर विवाह की पार्टी में भी जाना है, क्रिकेट का मैच भी खेलना है, दूरदर्शन पर आई फिल्म को भी देखना है और कल होने वाली परीक्षा की तैयारी भी करनी है। इस अस्त व्यस्त मन स्थिति में प्राय छात्र लटक जाते हैं। वह एक साथ चारों ओर मन लगाकर किसी भी एक कार्य को ध्यान से नहीं कर पाते। यदि कोई छात्र अनुशासन का अभ्यासी हो तो वह अवश्य ही संयम करके चारों के गुण दोष का विचार करके किसी एक और अपना ध्यान लगा लेगा तथा शेष की ओर से अपना मन हटा लेगा। इस उथल पुथल मन स्थिति में से यही एक उत्तम रास्ता है।
अनुशासन से संयम आता है तथा सभ्यता का आरंभ होता है। आज की नवीन सभ्यता अनुशासन का ही देन है। ग्रामीण सभ्यता में कोई रहन-सहन का व्यवस्थित तरीका नहीं बोलचाल में अनुशासन नहीं इसीलिए वह पिछड़े रह जाते हैं । दूसरी ओर शहरी सभ्यता में हर चीज की एक व्यवस्था है, बोलने का कार्य करने में एक नियमित क्रम है, इसीलिए आज उसका आकर्षण है
उपसंहार:-
मुट्ठी भर अंग्रेजों ने विशाल भारत को किस प्रकार गुलाम बनाया? निश्चय ही अनुशासन के बल पर। अनुशासन से शक्तियों का केंद्रीकरण होता है, गतिशील ऊर्जा का जन्म होता है तथा जीवन सहज सरल और सुंदर बन जाता है।