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Biography |
महापुरुषों की जीवनी इन हिंदी ।mahapurushon ki jivani in hindi।mahatma gandhi ki jivani hindi mein
निम्नलिखित महापुरुषों के बारे में बताएं।
1 लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक: -इनका जन्म 1856 ईस्वी में महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे उग्रवादी विचारधारा के थे। उनका कहना था राज्य सुबह हमारा जन्मसिद्ध अधिकारहै, इसे हम लेकर रहेंगे। 1960 ईस्वी में उन्होंने कांग्रेस के अंदर गरम दल की स्थापना की। आंदोलन के क्रम में उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने होमरूल आंदोलन चलाया। 1920 में उनकी मृत्यु हो गई
2 श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी: -इनका जन्म 1878 को मद्रास के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे श्री राज गोपालाचारी एक नामी वकील थे। उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और होम रूल आंदोलन में भाग लिया। इस समय में गांधी जी के संपर्क में आकर वकालत छोड़कर देश सेवा में लग गए। वह प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। कांग्रेस के घोषणा पत्र तथा प्रस्ताव के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही थी। स्वतंत्रता के बाद में बंगाल के अंतिम गवर्नर जनरल बने थे। इन्हें आधुनिक भारत का भीष्म पितामह कहा जाता है।
3 डॉ एपीजे अब्दुल कलाम: -रक्षा अनुसंधान विभाग के प्रमुख भारतीय पुरोधा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व उन्हें पद्म विभूषण सहित अनेक नागरिक एवं सार्वजनिक अलंकारों से विभूषित किया जा चुका है। आजीवन अविवाहित डॉक्टर कलाम प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खेती के अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी है। वीणा वादन में सिद्ध अस्त डॉक्टर कलाम देश की सुरक्षा के संबंध शास्त्रों के विकास की योजनाओं के निर्देशक हैं। उन्हीं के नेतृत्व में चलाए गए कलिया कर्मों के फल स्वरुप देश में अग्नि आकाश त्रिशूल पृथ्वी तथा नाग पक्ष पत्रों का विकास संभव हो रहा है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी डॉक्टर कलाम की भूमिका सर्व स्वीकृत है। 1980 में तिरुवनंतपुरम से एसएलवी 3 से रोहिणी का प्रशिक्षण उन्हीं के निर्देश में संभव हुआ।
4 जवाहरलाल नेहरू: -जवाहरलाल नेहरू भारत के कर्णधार थे। इनका जन्म प्रयाग में हुआ था। 1912 में पटना कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया इसके बाद कांग्रेस के सभी अधिवेशन में भाग लेते रहे। नेहरू को सन 1923 में विदेशी कपड़े की दुकान पर धरना देने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद वह नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए। सन 1928 में कोलकाता में जो अधिवेशन हुआ उसमें उसने नेहरू रिपोर्ट का जोरदार विरोध किया सन 1946 में अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बने पंडित जी अग्र क्रांतिकारी विचार किए थे। युवक और किसान आंदोलन में उन्होंने विशेष रुचि दिखलाई। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी उन्होंने अनेक कार्य किया। वे सांप्रदायिकता तथा प्रांतीयता के कड़े विरोधी थे। उनकी मृत्यु के बाद राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली ने श्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान के विषय में कहा कि श्री नेहरू बहुत अधिक अध्यात्मवादित थे। इसलिए शांति व्यवस्था न्याय रचना ही उनके लिए अच्छी श्रद्धांजलि हो सकती है।
5 रानी लक्ष्मी बाई: -लक्ष्मी बाई झांसी की रानी थी। वह कुशल शासक एवं वीर योद्धा थी। 1857 ई के संग्राम में उसने डटकर अंग्रेजों का मुकाबला किया था। उनकी गिनती समय के सर्वोच्च क्रांतिकारी नेताओं में की जाती थी। 18 जून 1858 को युद्ध करती हुई वह वीरगति को प्राप्त हुई।
6. मदर टेरेसा:-मूलत अल्बानिया ईसाई मिशनरी की समाज सेविका थी। उन्होंने कोलकाता को अपना निवास बना लिया था। उन्होंने अपंगो बेसहारा तथा दलित लोगों के लिए विस्थापित हो की स्थापना की थी। 1979 में उन्होंने शांति नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1980 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1883 ईस्वी में ब्रिटेन की महारानी ने ऑर्डर ऑफ से अलंकृत किया। वह विश्व शांति के दूत थी। मदर टेरेसा का 5 सितंबर 1997 को निधन हो गया।