दोस्तों Ganibhai.in मैं आपका स्वागत है। अगर आप बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हमारे इस साइट पर बड़े ही अच्छे तरीके से तैयारी कर सकते हैं हम आपको प्रोवाइड करते हैं कई प्रकार के क्वेश्चन आंसर जो आपके एग्जाम के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। तो आप इस साइट पर आकर रोजाना पढ़ सकते हैं।
- प्रकाश ऊर्जा का वह रूप है जिसकी सहायता से हम वस्तुओं को देखते हैं।
- जिस वस्तु से प्रकाश निकलता है उसे प्रकाश स्रोत कहा जाता है
- कुछ प्रकाश स्रोत प्राकृतिक हैं और कुछ मानव निर्मित
- वे वस्तुएं जो प्रकाश उत्सर्जित करती है प्रदीप कहलाती है और जो प्रकाश उत्सर्जित नहीं करती अप्रदीपत कहलाती है
- प्रकाश सरल रेखा में चला प्रतीत होता है।
- एक सरल रेखा पर चलने वाले प्रकाश को प्रकाश की किरण कहते हैं।
- प्रकाश के करने के समूह को प्रकाश का किरण पुंज कहते हैं
- किरण पुंज तीन प्रकार के होते हैं
- अपसारी, समांतर और अभिसारी
- वह पदार्थ जिसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाता है
- वह पदार्थ जो प्रकाश को अपने से होकर जाने नहीं देते अपारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं
- प्रकाश के किसी वस्तु से टकराकर लौट को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं
- समतल दर्पण प्रकाश का एक अच्छा प्रवर्तक है।
- प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है
- (i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अपन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं
- (ii) अपन कौन परावर्तन कोण के बराबर होता है
- समतल दर्पण पर लंबवत पढ़ने वाले प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद इस पद पर वापस लौट जाती है।
- किसी बिंदु स्रोत से आई हुई प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद उसे बिंदु पर मिलती है या जी बिंदु से आई हुई प्रतीत होती है उसे उसे बिंदु स्त्रोत का प्रतिबिंब कहते हैं।
- प्रतिबिंब दो प्रकार के होते हैं
- (i) वास्तविक और
- (ii)आभासी या काल्पनिक
- किसी बिंदु स्रोत से आई के ने परावर्तन के बाद जी बिंदु पर वास्तव में मिलती है उसे उसे बिंदु स्त्रोत का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं।
- वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु के अपेक्षा हमेशा उल्टा होता है और परदे पर प्राप्त किया जा सकता है।
- किसी बिंदु स्रोत से आई कितने परावर्तन के बाद जी बिंदु से आई हुई प्रतीत होती है उसे उसे बिंदु स्त्रोत का आभासी प्रतिबिंब कहते हैं।
- आभासी प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा हमेशा सीधा होता है और इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
- कोई वस्तु समतल दर्पण से जितनी आगे होती है उसका प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है अर्थात समतल दर्पण में
- वास्तु दूरी = प्रतिबिंब दूरी
- गोलीय दर्पण उसे दर्पण को कहते हैं जिसकी परावर्तक सतह किसी खोखले गोले का एक भाग होती है।
- गोलीय दर्पण के मध्य बिंदु को ध्रुव कहते हैं।
Tags
10th class