मेरे प्यारे दोस्तों आज की इस आर्टिकल में मैं आपको बताने वाला हूं प्रदूषण के बारे में यह प्रदूषण हमारे लिए कितना खतरनाक होता है आज हम लोग जानेंगे इस आर्टिकल में जैसा कि आपको पता है कि प्रदूषण से कई प्रकार की बीमारी होता है तो चलिए इसको आज विस्तार से पढ़ते हैं
प्रदूषण
भूमिका:– मनुष्य प्राकृतिक की सर्वोत्तम सृष्टि है। जब तक यह प्राकृतिक के कामों में बाधा नहीं डालता तब तक इसका जीवन स्वाभाविक गति से चलता है। किंतु इस उद्योग विकास के लिए इसने प्रकृति से अपना तालमेल समाप्त कर दिया है। नतीजा यह है कि जितनी ही तेजी से उद्योग बढ़ रहे हैं प्राकृतिक में धुआं गंदगी और शोर से प्रदूषण उतनी ही तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह खतरे की घंटी है।
जल प्रदूषण: –जल में गंदगी कचरा डाल देने शव बहा देने से जल प्रदूषित होते हैं। जल में गंदगी से मवेशी और मनुष्य दोनों प्रभावित होते हैं। दूषित जल से मवेशी तो मरते ही है जली कीड़े मनुष्य को भी जानलेवा बीमारियों के चक्कर में डालते हैं। मिट्टी प्रदूषण होने से फसल प्रदूषित होती है, इसके सेवन से मनुष्य बीमार होता है।
वायु प्रदूषण: –वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाने से वायु प्रदूषित होती है। वायु प्रदूषण का नतीजा है कि मनुष्य बीमारियों के जंगल में फंस जाता है, हृदय और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों घर कर जाती हैं। वायु प्रदूषण प्रेस सभी रोगों का प्रमुख कारण है।
ध्वनि प्रदूषण:–आज के युग में यंत्रों मोटर गाड़ियों रेलो तथा कल कारखाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है। इतना ही नहीं वातावरण में अधिक शोर सराव होने से ध्वनि भी प्रदूषित होती है। ध्वनि प्रदूषण से कानों पर बुरा असर पड़ता है।
प्रदूषणों का निदान:– आज के युग में यंत्र मोटर गाड़ियों रेलो तथा कल कारखाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है। परिणाम स्वरुप दुबे के कारण कार्बन मनोकसाइट की मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है। गौरतलब है कि 860 किलोमीटर चलने पर एक मोटर जितनी ऑक्सीजन का प्रयोग करता है उतनी ऑक्सीजन मनुष्य को एक वर्ष के लिए चाहिए। हवाई जहाज तेल शोधक चीनी मिट्टी चमड़ा आदि कारखाने से इंधन जलने से जो धुआं होता है उससे अधिक प्रदूषण होता है। घनी आबादी वाले शहर इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। टोक्यो में तो कार्य पर तैनात सिपाही के लिए जगह-जगह ऑक्सीजन के सिलेंडर लगे होते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह ऑक्सीजन ले सके। इंग्लैंड में 4 घंटे में यातायात पुलिस की हालत खराब हो जाती है।
उपसंहार
मनुष्य सर्वपरी है। यदि इसका स्वास्थ्य ही ठीक ना रहे तो प्रगति का क्या अर्थ है। बीमार मनुष्य जीवन का क्या आनंद उठेगा। इसीलिए जरूरी है कि प्रदूषण रोका जाए ताकि मनुष्य फल फूल